Wednesday 15 June 2011

maanaspujaa bharadidevi


श्री भराडी देवी मानसपूजा 
श्री गणेशाय नमः |
जय जय मूळ प्रकृती ईश्वरी महामाया महादेवी सनातनी |
ब्रह्मा विष्णू शिव यांनी पूजिली  विष्णू माया नारायणी |
सर्व काही तुझीच रूपे तू सर्वाची अधिष्टात्री ईश्वरी |
आधाराभूता सर्वाची सर्व विश्व स्वरूपिणी |
परात्परा  सर्वमन्त्रमयी  सर्वशक्ती स्वरूपिणी |
स्वेच्छामयी श्रेष्ठा  सती सत्य स्वरूपी अंबिके
तू सगुण आणि निर्गुण कृष्ण प्रिया कृष्ण शक्ती |
कृष्ण बुद्धीची अधिष्ठात्री  कृष्ण अर्धांगातून प्रकटली |
श्री कृष्ण तुज स्तविली  तू कृपेची माउली |
आम्हावरी कृपा करी तू कल्पवृक्षाची सावली |
तुझी तप्त सुवर्णा सारिखी कांती  कोटी सूर्याची प्रभा दीप्ती |
प्रसन्न वदनी मंद स्मिती भक्तानुग्रहकारिणी |
दुर्गतीचां नाश करी म्हणोनी तुझे नाम दुर्गादेवी |
शतभूजा तू शिवप्रिया शिव प्राण स्वरूपिणी |
मस्तकी अर्धचंद्र मुगुट शोभे त्रिगुणमयी  त्रिलोचना |
बिम्बाकार सुहास्यवदनी  शिव मनमोहिनी प्रिया तू |
रत्न कुंडले कानी शोभली कि तुझ्या तेजाने तेजाळली |
दंतपंक्ती  तुझ्या पाहुनी मौक्तिक माला मौन झाली |
मोतियाची नथशोभली  चाफेकळी तू सौंदर्य खाणी |
ओठ तुझे लाल चुटूक  परम मंगलमयी प्रसन्न वदनी |
बहुमूल्य रत्नमय आभूषणे रत्नमय बाजूबंद कंकणे |
मुद्रिकाही तशा रात्न्मयी शोभविती शतभुजा 
अग्निशुद्ध दिव्य वस्त्र धारण करिसी कस्तुरी चंदन उटी शोभतसे |
गजगामिनी कान्तीमती शान्तस्वरुपा योग सिद्धी योगिनी |
विधात्याची तू सृष्टीकर्त्रीशक्ती सर्व जगाची जननी |
समस्त लोकाचे कल्याण करिसी महावूष्णूची जनी होसी |
परम सुंदरी चंद्र मुखी शरद पौर्णिमेचे चंद्रबिंब फिके |
एसी तू सौन्दर्यखाणी त्रिपुर सुंदरी मनोहारिणी जगदम्बा भवानी |
भाळी तुझ्या कुंकुम चंद्रमा कस्तुरी उटी चंदन अंगी |
कमलनयनी काजळ ल्याली आरूढसी हृदयसिंहासनी |
अंबे भगवती सनातनी शिवलोकातुनी आलीस तू |
सुरेश्वरी माझी पूजा स्वीकारुनी कृपा आशीर्वाद ते मजसी |

 जगत्पूज्ये महाश्वरी यर बैस माझ्या हृदय कोंदणी|  |
वास तुझा राहो निरंतरी सदभाव माझे तव पूजेला |

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